गैरजिम्मेदार वित्तीय नीतियों को लेकर पीएम मोदी ने किया आगाह, बोले – गरीब चुकाते हैं कीमत

गैरजिम्मेदार वित्तीय नीतियों को लेकर पीएम मोदी ने कहा, गरीब चुकाते हैं कीमत

2023 के अंत में कई प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और राजस्थान जैसे प्रदेशों में चुनाव का महौल है, और इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Moneycontrol.com को एक विशेष इंटरव्यू में दिया कि वित्तीय दृष्टि से असंवितन वादों से बचने की जरूरत है।

पीएम मोदी ने कहा, ‘मैंने अपने देश में कई मंचों से वित्तीय दृष्टि से असंवितन नीतियों के खिलाफ जागरूक रहने की आवश्यकता की बात कही है। इसके दीर्घकालिक प्रभाव होते हैं, जो सिर्फ आर्थिक हानि नहीं पहुंचाते, बल्कि समाज को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इससे गरीबों को भी बड़ा दुख होता है।’

बता दें कि पिछले कुछ महीनों में, खासकर चुनावी राज्यों में, मुफ्त सुविधाएं देने के वादे किए गए हैं, जिसमें मासिक नकद ट्रांसफर के साथ ही अत्यधिक आय गारंटी की गारंटी शामिल है। उदाहरण के लिए, राजस्थान में 2,500 करोड़ रुपये की न्यूनतम आय गारंटी योजना, सस्ती दरों पर गैस सिलेंडर, मुफ्त बिजली, और अस्थायी तौर पर नौकरी करने वालों के लिए विभिन्न योजनाएं शामिल हैं।

इसके अलावा, छत्तीसगढ़ में बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता और मध्य प्रदेश में महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाने की घोषणा की गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेषकृत चर्चा के दौरान वृहत्तर परिदृश्य पर भी विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘सांस्थानिक प्रक्रियाओं के परे, एक व्यापक गतिविधि का संचालन हो रहा है। सूचना के इस युग में, एक देश में कर्ज संकट से संबंधित खबरें अन्य कई देशों तक पहुंच रही हैं। जनता जनार्दन हालात का विश्लेषण कर रही है, जिससे जागरूकता बढ़ रही है।

2023 में भारत की अध्यक्षता में हो रही G20 की बैठक में कर्ज संकट के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर जोर दिया जा रहा है, जो निम्न और मध्यम आयवर्ग वाले देशों को पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत करनी है।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Moneycontrol को एक विशेष इंटरव्यू में राजकोषीय नीतियों को बेहतर बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण दिशा में जोर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, ‘G20 के सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नर की बैठक में कर्ज समस्या से निपटने की दिशा में हुई प्रगति को स्वीकार किया गया है।

इस साल की शुरुआत में, कर्ज संकट के समस्या से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, और G20 के सहयोग से एक संयुक्त पहल की गई और ग्लोबल सॉवरेन डेट राउंडटेबल की स्थापना की गई है।

इसका उद्देश्य है कि कर्ज से उत्पन्न संकट से निपटने के लिए सभी पक्षकारों के बीच संवाद को सुलभ बनाना और समझ को बेहतर विकसित करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘अन्य देश भी अपने लोगों के समर्थन से कारगर कदम उठाएं। खुशी की बात है कि लोग इस समस्या के प्रति जागरूक और सतर्क हो रहे हैं।