चीन ने की थी द्विपक्षीय बैठक की मांग, पर अनौपचारिक बातचीत पर ही ठहर गई…

जिनपिंग-मोदी की मुलाकात में चीन ने की थी ऐसी मांग, लेकिन क्या हुआ जानिए…

चीन के विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि पीएम मोदी की मांग पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स सम्मेलन के बाद उनसे बातचीत की। दोनों नेता सेना की तैनाती को कम करने और दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के दिशा में बातचीत करने के लिए सहमत हुए।

भारतीय सूत्रों ने चीन के इस दावे को खारिज किया है, जिसमें कहा गया है कि ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान भारत और चीन के नेताओं के बीच बातचीत हुई थी। वास्तव में, चीन ने दावा किया है कि ब्रिक्स सम्मेलन के बाद भारत ने प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात की मांग की थी। भारत ने इस दावे को खारिज कर दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने चीन के दावे को यह कहकर खारिज किया है कि चीन ने लंबे समय से ही द्विपक्षीय बातचीत की पेशकश की थी। बताया जाता है कि ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं के बीच आधिकारिक बातचीत नहीं हुई थी, लेकिन लीडर्स लाउंज में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक बातचीत हुई थी।

चीन ने यह कहा था कि

चीन के विदेश मंत्रालय ने बताया है कि ‘पीएम मोदी की मांग पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स सम्मेलन के बाद उनसे बातचीत की। दोनों नेता सेना की तैनाती को कम करने और दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के दिशा में बातचीत करने के लिए सहमत हुए।’

विदेश सचिव ने दी बैठक की जानकारी

भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को पत्रकारों से बात करते समय कहा कि ‘राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच ब्रिक्स सम्मेलन के बाद अलग अनौपचारिक बातचीत हुई। इस बातचीत में पीएम मोदी ने भारत-चीन के बीच एलएसी पर अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं से अवगत किया।

विदेश सचिव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने और एलएसी का निरीक्षण और सम्मान करना भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है।’ बताया जाता है कि पिछले साल नवंबर में बाली में भी जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच पहली बातचीत हुई थी।

यह बताया गया है कि 2020 के बाद से भारत और चीन के बीच तनाव में वृद्धि हुई है, जब दोनों देशों के सैनिक लद्दाख में गलवान घाटी में आपसी संघर्ष में आए थे। भारत और चीन की सेनाएं 19 दौर के कॉर्प्स कमांडर स्तर की बातचीत कर चुकी हैं।