आदित्य एल-1 ने सफलतापूर्वक बदली दूसरी कक्षा, जानें सूर्य के कितने करीब पहुंचा यान…
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारत की पहली सूर्य मिशन के बारे में लगातार अपडेट जारी किया है। आदित्य एल-1 अपनी निर्धारित दिशा में सफलतापूर्वक बढ़ रहा है। इसरो ने अब बताया है कि मिशन के यान ने सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा बदलने का दूसरा चरण पूरा किया है। इसरो के अनुसार, मॉरीशस, बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर में ISTRAC/ISRO के ग्राउंड स्टेशनों ने आदित्य एल-1 को ट्रैक किया।
कहां तक पहुंचा?
इसरो ने अपडेट जारी करते हुए बताया है कि दूसरा चरण सफलतापूर्वक पूरा किया गया है, और अब आदित्य एल-1 की नई कक्षा 282 किमी x 40225 किमी है। इसके बाद, इसरो ने यह घोषणा की है कि 5 दिनों के बाद आदित्य एल-1 को तीसरे ऑर्बिट में पहुंचाया जाएगा। आदित्य एल-1 आगामी 10 सितंबर को सुबह 2 बजकर 30 मिनट पर तीसरी कक्षा में प्रवेश करने का प्रयास करेगा।
अपनी मंजिल तक कब पहुंचेगा?
आदित्य L1 पृथ्वी के स्पेहर ऑफ इनफ्लूएंस, अर्थात् गुरुत्वीय बल के दायरे से बाहर निकलेगा, तब ट्रांस लेगरान्ज 1 इनसर्शन किया जाएगा, जिससे वह सूर्य की ओर L1 प्वाइंट की ओर मुड़ा जाएगा। इसके बाद, यह 116 दिनों की यात्रा करके आदित्य L1 सेटेलाइट L1 पॉइंट पर पहुंचेगा। इस प्रकार, कुल 128 दिनों की यात्रा के बाद आदित्य L1 उपग्रह L1 प्वाइंट पर स्थित हो जाएगा।
यह है मिशन का लक्ष्य:
आदित्य एल-1 को 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। आदित्य एल1 को सूर्य की स्टडी के लिए एल1 पॉइंट के हेलो ऑर्बिट में सेट किया जाएगा। यह प्वाइंट सूर्य से करीब 15 लाख किमी दूर है। आदित्य एल1 के साथ भेजे गए पेलोड सूरज की रोशनी, प्लाजमा और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करेंगे।