प्रधानमंत्री मोदी के बनारस में यह तकनीक ने किया गंगा को पहले से स्वच्छ और निर्मल, जानिए इस प्लान का राज
अभिषेक जायसवाल/वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र, उत्तर प्रदेश के वाराणसी, में गंगा नदी का जल अब और भी निर्मल और स्वच्छ होगा। गंगा को प्राकृतिक तरीके से स्वच्छ बनाने के प्रयास जारी हैं, और इसके अंतर्गत पहली बार वाराणसी में गंगा नदी में चिताला मछलियां छोड़ी जाएंगी। रिवर रैचिंग अभियान के तहत, इन मछलियों को पांच सितंबर को गंगा नदी में छोड़ा जाएगा।
मत्स्य विभाग के विशेष सचिव प्रशांत शर्मा ने बताया कि इस अभियान के तहत एक लाख चिताला मछलियों की अंगुलिकाएं गंगा में छोड़ी जाएगी। प्रदेश के मत्स्य मंत्री संजय निषाद इस विशेष आयोजन के साक्षी बनेंगे। रविदास घाट पर इन मछलियों को गंगा में छोड़ा जाएगा।
बता दें कि चिताला मछलियों को इंटरनेशनल यूनियर फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने ‘नियर थ्रीटेंड’ श्रेणी में शामिल किया है। इनके संरक्षण और संरक्षण के लिए, योगी सरकार इनकी संख्या को गंगा में बढ़ाने के लिए रिवर रैचिंग कार्यक्रम की तरह इन्हें गंगा में छोड़ रही है।
इससे न केवल गंगा को प्रदूषण से निजात मिलेगी, बल्कि मत्स्य पालकों की आय में भी वृद्धि होगी। इसके अलावा, मछली खाने वालों को भी प्रोटीन से भरपूर और पौष्टिक आहार मिलेगा।
गंगा के विशेषज्ञ प्रोफेसर बी.डी. त्रिपाठी ने बताया कि गंगा नदी में फैले प्रदूषण, शवों के अवशेष सहित अन्य चीजों को खाकर मछलियां गंगा में जीवित रहती हैं। पिछले कुछ वर्षों के दौरान प्रदूषण के कारण गंगा नदी में मछलियों की संख्या कम हो रही है।
क्योंकि उनके बच्चे इस प्रदूषित जल में विकसित नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए, रिवर रैचिंग कार्यक्रम के माध्यम से गंगा में उनकी संख्या बढ़ने से न केवल गंगा को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी, बल्कि वहां के मत्स्य पालकों को भी आर्थिक रूप से फायदा होगा।