कैसे खुद को निकालें डिप्रेशन से बाहर….
आजकल लोगों में डिप्रेशन यानी अवसाद की समस्या होना बेहद आम है। बहुत बार डिप्रेशन इस तरह हावी हो जाता है कि मन में बहुत ही ख़राब विचार भी आने लग जाते हैं। ऐसा लगने लगता है कि आपके लिए सारी दुनिया ही खत्म हो रही हो। डिप्रेशन व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत कमजोर कर देता है। लेकिन अगर शुरू में ही डिप्रेशन के लक्षण पहचान कर इन्हें दूर करने का प्रयत्न करें तो आप आसानी से डिप्रेशन से छुटकारा पा सकते हैं।
दुनिया की किसी भी बीमारी का इलाज हो सकता है, जब इंसान को यह विश्वास हो जाए कि वह उस बीमारी को हरा सकता है। तो दोस्तों सबसे पहले आपको यह विश्वास जगाना होगा कि “हां, मैं इस डिप्रेशन पर काबू पा सकता हूं।”
डिप्रेशन होता क्यों है ?
डिप्रेशन की बीमारी तब उत्पन होती है जब हमारा दिमाग हद्द से ज्यादा चीजों के बारे में सोचने लगता है। जिस वजह से ये समस्या उत्पन होती है। किसी अपने से बिछड़ने का दुःख, असफलता और संघर्ष की वजह से होने वाला दुःख तो सामान्य है। इसके इलावा दुःख, लाचारी, निराशा,उदासपन जैसी भावनाएं कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक बनी रहती है और व्यक्ति को सामान्य रूप से अपनी दिनचर्या को जारी रखने में भी परेशानी बनी रहती है। तो यह डिप्रेशन नामक मानसिक रोग का संकेत हो सकता है।
पहचानें डिप्रेशन के लक्षण :
- ठीक से नींद न आना।
- कम भूख लगन।
- अपराध बोध होन।
- हर समय उदास रहना।
- आत्मविश्वास में कमी।
- थकान महसूस होना और सुस्ती।
- उत्तेजना या शारीरिक व्यग्रता।
- मादक पदार्थों का सेवन करना।
- एकाग्रता में कमी।
- ख़ुदकुशी करने का ख़्याल।
- किसी काम में दिलचस्पी न लेना।
डिप्रेशन से बचने के उपाय :
रात को समय पर सोएं :
एक्सपर्ट का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति डिप्रेशन से ग्रसित है तो उनके लिए सबसे जरूरी है पर्याप्त नींद लेना। क्योंकि जब आप रात को जगती हैं, तो दिमाग में 100 तरह की बातें आती हैं। जो आपकी इस समस्यायों को अचानक से ट्रिगर करने का काम करती हैं। ऐसी स्थिति में कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है।
प्रकृति के बीच समय बताएं :
कई रिसर्च में यह पाया गया कि प्रकृति के बीच समय बिताने से इंसान का मूड अच्छा होता है। वहीं सुबह या शाम किसी भी वक्त टहलने की आदत बनाएं। वहीं प्रकृति के बीच वॉक करने से डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार देखने को मिलता है। यह मेंटल डिसऑर्डर जैसे अन्य समस्याओं की संभावना को भी कम कर देता है। इसके अलावा खुद को जितना हो सके उतना सक्रिय रखने की कोशिश करें।
अपनी पसंदीदा कार्यों को करें :
डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति अक्सर थकान, सुस्ती और आलस महसूस करते हैं। ऐसे में उन चीजों को करने की कोशिश करें जो आपको पसंद हैं। यह आपके दिमाग को शांत रखे और आपको कुछ देर के लिए ही सही खुशी दे। यह आपके ऊर्जा के स्तर को बढ़ाएगा और आपके मूड को भी अच्छा करेगा, ताकि आगे आप नकारात्मकता को दूर रखने के लिए ऐसी अन्य गतिविधियों में भाग ले सकें।
मेडिटेशन करें :
डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी समस्याओं से निपटने का एक सबसे अच्छा उपाय है मेडिटेशन का अभ्यास करना। यदि आप डिप्रेशन से ग्रसित नहीं भी हैं, तो भी मेडिटेशन का अभ्यास करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। मेडिटेशन आपके मन को शांति रहने और सकारात्मक चीजों पर ध्यान केंद्रित रखने में मदद करता है।
खुद के साथ वक्त बिताएं :
डिप्रेशन जैसी समस्या में कोई आपकी मदद कर सकता है तो सबसे पहले वह आप खुद स्वयं हैं। क्योंकि आपकी भावनाओं और आपके दिमाग को आपसे ज्यादा बेहतर तरीके से कोई नहीं समझता। ऐसे में दिन में कम से कम 30 मिनट खुद के साथ बिताने का प्रयास करें। साथ ही अपनी हॉबी जैसे की पेंटिंग, डांसिंग, पोएट्री, किताबें पढ़ना इत्यादि को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें।
बच्चे हो या नौजवान सभी आज के समय में डिप्रेशन का शिकार होते जा रहे है। जिसकी वजह से उन्हें उपरोक्त परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तो आप भी अगर डिप्रेशन का शिकार हो गए है तो बिना समय गवाए मानस हॉस्पिटल से बेस्ट साइकेट्रिस्ट का चुनाव करे, और इस समस्या से हमेशा के लिए निजात पाए।