गौरी शंकर रुद्राक्ष पहनने से क्या लाभ होते है…
प्राकृतिक रूप से परस्पर जुड़े दो रुद्राक्षों को गौरी-शंकर रुद्राक्ष कहा जाता है। गौरी शंकर रुद्राक्ष को भगवान शिव और माता गौरी का रूप माना जाता है इसलिये इसका नाम गौरी शंकर रुद्राक्ष पड़ा है। यह रुद्राक्ष एक मुख वाला तथा चौदह मुख वाले की तरह बहुत ही दुर्लभ और विशिष्ट रुद्राक्ष होता है।
इसमें भगवान शंकर का वरदान और माँ पार्वती की दिव्य शक्तियाँ निहित होती हैं। इसको पहनने से भगवान शंकर और माता पार्वती दोनों ही समान रूप से खुश होते हैं और अनेक प्रकार के वरदान और शक्तियाँ धारणकर्ता को प्राप्त होते हैं। माता पार्वती हमेशा ही भगवान शंकर को मनुष्यों को वरदान देने को प्रेरित करती रहती हैं।
गौरी शंकर रुद्राक्ष की पहचान
असली गौरी शंकर रुद्राक्ष की पहचान यह है की काफी मजबूत होता है। आसानी से अलग नहीं होता है खींचने पर टूटता नहीं है क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से जुड़ा होता है। असली गौरी शंकर को अगर तोड़ते भी है तो इसके भाग स्पष्ट नहीं टूटेंगे। जैसा किसी लकड़ी को प्राकृतिक रूप से तोड़ने पर होता है।फोटो 2 में पांच मुखी और 6 मुखी रुद्राक्ष के जुड़ने से बना गौरी शंकर रुद्राक्ष है।
एक यह भी देखने में आता है की अगर गौरी शंकर रुद्राक्ष में एक रुद्राक्ष का आकार छोटा है तो उसे गौरी गणेश रुद्राक्ष या गर्भ गौरी रुद्राक्ष कहा जाता है। फोटो 3 में नेपाल के गौरी शंकर रुद्राक्ष को बताया है जो ऊपर से हल्का सा जुड़ा हुआ है। इसमें चाँदी की कैप भी लगा दी गयी है।
इस तरह की संरचना में एक रुद्राक्ष का आकार अगर दुसरे से कुछ मिलीमीटर में छोटा है तो वह Gauri Shankar Rudraksha ही कहलायेगा। लेकिन अगर एक रुद्राक्ष का आकार दुसरे की तुलना में बहुत छोटा है तो फिर उसे गौरी गणेश या गर्भ गौरी रुद्राक्ष में गिना जाता है।
गौरी शंकर रुद्राक्ष के फायदे
• गौरी शंकर रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के जीवन में घर परिवार में खुशहाली और शांति आती है जिससे सभी प्रकार के विघ्न दूर हो जाते हैं।
• एक अच्छा जीवन साथी प्राप्त करने के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष पहनना लाभदायक है.
• जिन लड़कियों को अपने जीवन में एक अच्छा जीवन साथी चाहिए उन्हें गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
• गौरी शंकर रुद्राक्ष नव दंपतियों को पहनना चाहिए जिनको संतानोत्पत्ति नहीं हुई है और संतान की कामना रखते हैं।
• मन की शांति के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष लाभदायक होता है.
• गौरी शंकर रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के अंदर ज्ञान में वृद्धि होती है और जीवन सफल हो जाता है.
• गौरी शंकर रुद्राक्ष के स्वामी शुक्र ग्रह होते हैं इसलिए इसे धारण करने से व्यक्ति को सभी प्रकार से भौतिक सुख की प्राप्ति होती है.
• धन संपत्ति प्राप्त करने प्यार करने वाले लोगों में आने वाली बाधाओं को दूर करने तथा आर्थिक समस्याओं से जूझने वाले व्यक्तियों को रुद्राक्ष धारण करने से समस्याएं दूर हो जाती हैं.
• गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के व्यापार में वृद्धि होती है जिससे घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है।
• अभिमंत्रित रुद्राक्ष को चांदी के कैप में बंद कर के गले में धारण करने से व्यक्तिक आध्यात्मिक बन जाता है जिसे ईश्वर के प्रति स्नेह प्रेम पैदा होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
• जिन लोगों के गले में गौरी शंकर रुद्राक्ष होता है उन लोगों पर किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता है.
• अगर आप स्वास्थ्य से हमेशा परेशान रहते हैं तो गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करें इससे व्यक्ति का स्वास्थ्य जल्दी सही हो जाता है और व्यक्ति हमेशा स्वस्थ बना रहता है।
• अगर किसी स्त्री या पुरुष को यौन समस्याएं हैं तो रुद्राक्ष धारण करें जिससे समस्या जड़ से खत्म हो जाती है।
दोस्तों गौरी शंकर रुद्राक्ष अन्य रुद्राक्ष से अलग है क्योंकि इसमें दो रुद्राक्ष एक साथ जुड़े होते हैं ऐसे में इस रुद्राक्ष का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है यह रुद्राक्ष एक मुखी और पंचमुखी के रूप में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण रखते हैं अधिकांश ज्योतिष शास्त्र के जानकार पंचमुखी और एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की बात करते हैं क्योंकि यह सभी रुद्राक्ष जीवन की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।