नए सेवा कानून को लेकर केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अर्जी पर क्या कहा…
नए सेवा कानून का परीक्षण सुप्रीम कोर्ट द्वारा किया जाएगा, जवाब के लिए केंद्र सरकार को चार हफ्ते का समय दिया गया है।
दिल्ली सरकार ने अपनी अर्जी के माध्यम से संशोधनित NCTD (संशोधन) कानून, 2023 को सुप्रीम कोर्ट के सामने लाया है, जिसका मतलब है कि नए कानून को मान्यता मिले या नहीं, यह सुप्रीम कोर्ट का निर्णय करेगा।
दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तुत अध्यादेश की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया है, जिससे कानून में किए गए संशोधन को चुनौती मिलेगी। पहले दिनांक 19 मई के अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई चल रही थी, जिसके बीच केंद्र सरकार ने नए कानून की पेशेवर प्रस्तावना दी और अगस्त में संसद ने इसे पास कर दिया।
राष्ट्रपति द्वारा 12 अगस्त को स्वीकृति देने के बाद यह कानून बन गया है। INDIA गठबंधन ने राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण कानून के खिलाफ विरोध किया था, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे दिल्ली के लोगों की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने का प्रयास बताया।
अब दिल्ली सरकार ने संशोधन कानून के खिलाफ अपनी अर्जी प्रस्तुत की है, जिससे कानून के प्रावधानों की पुनरावलोकन की जा सकेगी।